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जय राजस्थान 43 वर्षों का इतिहास

झीलों की नगरी उदयपुर एवं महाराणा प्रताप की नगरी मेवाड़ का सबसे पहला दैनिक पत्र ‘जय राजस्थान’ संस्थापक-सम्पादक स्व. -चन्देष जी व्यास ने 6 फरवरी 1972 से निकालना प्रारम्भ किया । 1982 को उदयपुर संभाग में पहली बार वेब ऑफसेट मषीन पर प्रकाषित ‘जय राजस्थान’ दैनिक ने उदयपुर संभाग में सबसे ज्यादा
बिकने वाला दैनिक अखबार बना दिया था । जय राजस्थान ‘दैनिक ने झीलों की नगरी उदयपुर को स्वच्छ बनाने व पेय जल की समस्या को मद्धेनजर पिछोला झील को गहरा करने का मुददा उठाकर षहरवासियों को झील को गहरा करने के लिये प्रेरित किया व खाली पिछोला से मलबा निकालकर खेतों में डलवाने का काम किया जय राजस्थान ने अपराधों पर नकेल, अतिक्रमण, दुर्घटनाएं व अपरोधों पर अंकुष लगाने की समस्या को भी बुलन्द किया । जय राजस्थान दैनिक ने देष में पहली बार वाणिज्यिक विषेशांक, मल्टीकलर विषेशांक एवं तत्पष्चात पहली बार कैलेण्डर निकालने की प्रथा को अपने सिल्वर जुबली वर्श 1995 में प्रारम्भ किया । पहली बार किसी समाचार पत्र की मल्टीकलर मैगजीन एवं मल्टीकलर विषेशांक निकालने की प्रथा प्रारम्भ की ।

जय राजस्थान 1995 से आज तक मल्टीकलर कैलेण्डर प्रकाषित करने एवं वाण्ज्यििक समारोह में अपने एवं व्यावसायिक समारोह में अपने विज्ञापन दाताओं का सम्मान करता आ रहा है जो अनवरत जारी हैं पचास हजार की प्रसार संख्या एवं एक लाख से ज्यादा पाठक दक्षिणी राजस्थान के उदयपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ व भीलवाड़ा क्षेत्र में इसका लाभ उठाते है । अब ई पेपर पर 10 लाख से ज्यादा पाठक इसका लाभ उठायेंगे । इसके मुख्य पाठक उच्च वर्ग, मध्यवर्ग के परिवार, महिलाऐं, युवा छात्र-छात्राएं एवं उच्च मध्यम वर्ग के सभी श्रेणियों के लोग इससे लाभान्वित होते है ।

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