स्वर्ग में आया Èिर से सैलाब, 4 मरे, 13 लापता

श्रीनगर, 30 मार्च (एजेंसी)। महज सात महीने के बाद जम्मू-कश्मीर एक बार Èिर से तबाही मचाने वाली बाढ़ के खतरे से बावस्ता है। कश्मीर घाटी और जम्मू संभाग के एक हिस्से में बाढ़ के खतरे के चलते भयभीत लोग सुरक्षित स्थानों की ओर कूच करने लगे हैं। इस बीच तेज बारिश से उत्पन्न स्थिति में चार लोगों की मौत हो गई है और 13 लापता हैं। बाढ़ की आशंका को देखते हुए प्रदेश और केंद्र सरकार सक्रिय हो गई हैं। बचाव कार्यों के लिए राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएÈ) की आठ टीम घाटी भेजी गई हैं। केंद्र ने राहत कार्यों के लिए 200 करोड़ रुपये की अग्र्रिम धनराशि भी स्वीकृत कर दी है। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद को हर संभव मदद का भरोसा दिया है।
सात जिलों में अलर्ट घोषित:बडगाम में भूस्खलन के चलते चार मकान ढहने की खबर है। इन मकानों में रहने वाले तीन महिलाओं के मरने और 13 के दबने की जानकारी मिली है। बडगाम जिले के चरार ए शरीÈ इलाके में 40 ढांचों के क्षतिग्र्रस्त होने की खबर है। इसके अतिरिक्त एक व्यक्ति की उधमपुर में मौत हुई है। श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर कुछ और स्थानों पर भूस्खलन की खबर है। इसके चलते लगातार तीसरे दिन श्रीनगर देश के बाकी हिस्से से कटा हुआ है।
प्रशासन ने घाटी के सात जिलों में अलर्ट घोषित कर दिया है। खतरे को देखते हुए घर छोडऩे वाले लोगों को ठहराने की व्यवस्था की जा रही है। बाढ़ की आशंका वाले इलाकों के स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं और परीक्षाएं टाल दी गई है।
मोदी ने नकवी को भेजा जायजा लेने:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हालात का जायजा लेने के लिए केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को घाटी में भेजा है। साथ ही प्राकृतिक आपदा की स्थिति में राज्य को पूरी मदद का भरोसा दिया है। बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद ने विधानसभा में हालात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने बाढ़ से बचाव कार्यों के लिए कश्मीर घाटी को 25 करोड़ तथा जम्मू संभाग को दस करोड़ रुपये दिए हैं।
झेलम ने कई स्थानों पर खतरनाक: पिछले 36 घंटे से कश्मीर में भारी बारिश के चलते झेलम नदी कई स्थानों पर खतरे के निशान को पार कर गई है। बाढ़ का पानी कश्मीर के निचले इलाकों में भर गया है। श्रीनगर में हालांकि सोमवार सुबह बारिश रुक गई और कुछ स्थानों पर वर्षा की निरंतरता टूटने की खबर है। लेकिन मौसम विभाग ने कुछ दिनों के भीतर Èिर से भारी बारिश की आशंका व्यक्त की है। सात महीने पहले आई बाढ़ से हुई तबाही की याद करके श्रीनगर के निचले स्थानों में बसे लोग भयभीत हो गए हैं। सितंबर 2014 में आई उस बाढ़ में राज्य में 280 लोगों की मौत हो गई थी जबकि दसियों हजार लोग बेघर हो गए थे। उस बाढ़ में हुई तबाही से लोग अभी तक नहीं उबर पाए हैं।

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