मोदी ने निवेशकों को पारदर्शी कर प्रणाली का भरोसा दिलाया

हैनोवर, 13 अप्रेल (एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की कर व्यवस्था में स्थिरता और पारदर्शिता का विश्वास दिलाते हुए आज वैश्विक निवेशकों को देश में निवेश के अवसरों का लाभ उठाने का न्योता दिया। उन्होंने कहा कि यह केवल कोई ‘राजनीतिक एजेंडाÓ नहीं है बल्कि ‘आस्था का विषयÓ है। मोदी ने निवेशकों से भारत की आर्थिक वृद्धि के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की अपील की। उन्होंने वृद्धि के लक्ष्य को महत्वपूर्ण बताया। मोदी ने कहा ”हमने भारत की आर्थिक वृद्धि के इंजन में Èिर से ऊर्जा का संचार कर दिया है। हमारी अर्थव्यवस्था की विश्वसनीता बहाल हुई है। भारत एक बार Èिर तेज वृद्धि और विकास दर्ज की राह पर बढऩे को तैयार है।ÓÓ
जर्मनी के अखबार È्रैंकÈर्टर एल्जेमीन जीटुंग में संपादकीय पृष्ठ पर आज प्रकाशित अपने एक लेख में मोदी ने लिखा है, ”यह (भारत) इकलौती अर्थव्यवस्था है जहां वृद्धि दर बढ़ रही है तथा संभावना और भी अच्छी हैं।ÓÓ मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने विकास और भारत के आर्थिक कायाकल्प की चुनौतियों को गंभीरता से स्वीकार किया है। उन्होंने कहा ”हमारे लिए विकास सिर्È राजनीतिक एजेंडा नहीं है, एक आस्था का विषय है।ÓÓ उन्होंने कहा ”मेरी सरकार स्थिर और पारदर्शी कर प्रणाली, कंपनियों पर आयकर की दर कम करने तथा 2016 में नयी एकल वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली (जीएसटी) लागू करने के प्रति प्रतिबद्ध है।ÓÓ È्रांस के बाद जर्मनी पहुंचे मोदी ने रविवार को ही जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल के साथ हैनोवर मेले का उद्घाटन किया। भारत दुनिया के इस सबसे बड़े औद्योगिक मेले में पहली बार भागीदार देश के रूप में उपस्थित है। मोदी ने कहा कि भारत के युवाओं के लिए रोजगार सृजन महत्वपूर्ण है ताकि भारतीय जनसंख्या में युवा आबादी ऊंचे अनुपात का लाभ उठाया जा सके। उन्होंने कहा ”यह तभी प्राप्त किया जा सकता है जबकि हम उल्लेखनीय तरीके और तेजी से अपनी विनिर्माण क्षमता बढ़ाएं। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मेरी सरकार ने ‘मेक इन इंडियाÓ पहल शुरू की है। मोदी ने कहा ”हमारी 65 प्रतिशत आबादी 35 साल से कम उम्र की है और भारत की वृद्धि वैश्विक आर्थिक संपन्नता के लिए अपार संभावनाएं पेश करने वाली है।ÓÓ

तीन दिन की यात्रा पर जर्मनी आए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य सिर्È आर्थिक वृद्धि नहीं बल्कि समावेशी विकास करना है। उन्होंने कहा ”मेरी कल्पना है कि भारत वैश्विक वृद्धि की एक महत्वपूर्ण शक्ति बने। हमारे लोकतांत्रिक सिद्धांत और व्यवहार इस स्थिति की गारंटी देते हैं। हमारे यहां मुक्त मीडिया और स्वतंत्र न्यायपालिका है जो हर तरह के विचारों का बिना किसी भय के प्रकट करने की अनुमति देती है। हम ‘रहें साथ, बढ़ें साथÓ में भरोसा करते हैं।ÓÓ उन्होंने कहा कि विकास का लक्ष्य पूरा करने के लिए वैश्विक सहयोग और समर्थन महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री ने कहा ”भारत के इन लक्ष्यों के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन और गठजोड़ समान रूप से महत्वपूर्ण है। इसलिए मैंने ऐसी विदेश नीति का निर्माण करने की कोशिश की जो हमारी राष्ट्रीय विकास की रणनीति से जुड़ी हो।ÓÓ उन्होंने कहा ”अमेरिका, रूस, È्रांस, जापान और चीन के नेताओं के साथ मेरी वार्ता का लक्ष्य वैश्विक विकास एवं हित में साझा हिस्सेदारी के साथ टिकाऊ भागीदारी विकसित करना है।ÓÓ मोदी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गठजोड़ की इस तलाश में भारत के लिए जर्मनी का ‘विशेष स्थानÓ है और भारत की जरूरत जर्मनी के उद्योग के लिए कारोबार का बड़ा अवसर बन सकती है। उन्होंने कहा ”हमारे बीच साझा मूल्यों के आधार पर रणनीतिक भागीदारी है। भारत जर्मनी के साथ वृद्धि एवं संपन्नता के लिए ऐसी भागीदारी चाहता है जो दोनो के लिए लाभप्रद हो। हमारी प्राथमिकताएं जर्मनी की विशेषज्ञता के साथ ठीक बैठती हैं।ÓÓ उन्होंने हालांकि कहा कि 1600 भारत-जर्मनी गठजोड़ों के बावजूद अभी बहुत सी संभावनाओं का दोहन नहीं हुआ है।
मोदी ने कहा ”जर्मनी अपने इंजीनियरिंग, नवोन्मेष और कौशल के बारे में मशहूर है। आपके मिटलस्टैंड (लघु एवं मध्यम उपक्रम) और परिवारों के स्वामित्व वाली कंपनियां मशहूर हैं। मैं उन्हें भारत आने का आमंत्रण देता हूं।ÓÓ उन्होंने कहा ”हम पर्यावरण संबंधी चुनौतियों से निपटने में जर्मनी के प्रौद्योगिकी समाधान की उपलब्ध्यिों की प्रशंसा करते हैं। आप मेरी सरकार के ‘स्वच्छ भारतÓ अभियान में हमारे स्वाभाविक सहयोगी हैं। हम गंगी नदी को स्वच्छ रकने में जर्मनी के अनुभव से भी Èायदा उठाना चाहते हैं।ÓÓ मोदी ने जर्मन उद्यमियों की चिंता भी दूर करने की कोशिश की। उन्होंने कहा ”मैं सावधानी से सुनूंगा भी कि ताकि यह समझा जा सके कि भारत में निवेश और विनिर्माण के संबंध में जर्मनी के उद्यमियों की चिंता दूर करने के लिए क्या किया जा सकता है।ÓÓ
मोदी ने कहा कि एक्ट ईस्ट (पूर्व के साथ कार्य करो और लिंक वेस्ट पश्चिम को जोड़ो) नीति के जरिए विनिर्माण केंद्र के तौर पर भारत पूर्व और पश्चिम के बीच का केंद्र बनने की संभावना रखता है। यह ऐसा केंद्र हो सकता है जो अपने विशाल घरेलू बाजार की जरूरतें पूरी करने के साथ साथ और वैश्विक निर्यात तथा सामान्य कल्याण का का भी आधार भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया पहल के लिए नया बुनियादी ढांचा तैयार करने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि राजमार्ग, रेलवे और ऊर्जा में बजट में वित्तपोषण उल्लेखनीय रूप से बढ़ाना इस दिशा में एक कदम है। उन्होंने कहा ”पिछले 11 महीनों में हम इस वायदे को पूरा करने की दिशा में बहुत आगे बढ़े हैं।ÓÓ उन्होंने कहा ”हमारा लक्ष्य गरीबी को पूरी तरह खत्म करना और सभी भारतीयों को एक पीढ़ी के भीतर उद्देश्यपूर्ण एवं गरिमापूर्ण जीवन की ओर अग्रसर करना है।ÓÓ

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