भूमि अधिग्रहण कानून में उपयुक्त सुधार किये गए: राष्ट्रपति

नई दिल्ली, 23 Èरवरी (एजेंसी)। विभिन्न राजनीतिक दलों एवं संगठनों के विरोध के बीच सरकार ने विवादास्पद भूमि अधिग्रहण अधिनियम के बारे में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि इसमें उपयुक्त सुधार किये गए हैं ताकि आधारभूत ढांचे की महत्वपूर्ण जनपरियोजनाओं में प्रक्रियागत समस्याओं को कम करने के साथ ही किसानों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
आज शुरू हुए संसद के बजट सत्र के संयुक्त अधिवेशन में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आगामी वर्ष के लिए सरकार की नीतियों को पेश करने वाले अपने अभिभाषण में कहा, ‘Óमेरी सरकार भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसानों और उनके परिवारों के हितों की सुरक्षा को सर्वाधिक महत्व देती है।
क्षतिपूर्ति एवं मुआवजे के उनके हक सहित किसानों के हितों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देते हुए ‘भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनव्र्यवस्थापन में उचित मुआवजा और पारदर्शिता अधिकार अधिनियमÓ में उपयुक्त सुधार किये गए हैं।ÓÓ
उन्होंने कहा, ‘Óऐसा इसलिए किया गया है ताकि अवसंरचना की महत्वपूर्ण जन परियोजनाओं और विशेषकर दूरदराज के क्षेत्रों में ग्रामीण आवास, विद्यालयों एवं अस्पतालों के निर्माण जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए अपेक्षित भूमि अधिग्रहण में आने वाली प्रक्रियागत समस्याओं को कम किया जा सके।ÓÓ सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून 2013 में एक अध्यादेश के जरिये कुछ बदलाव किये थे और अब उसका इरादा बजट सत्र में इसे विधेयक के रूप में पारित कराने का है।

भूमि अधिग्रहण कानून में इन बदलावों के खिलाÈ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के आज से शुरू हुए दो दिवसीय धरना और कांग्रेस एवं वामदलों की ओर से भी विरोध प्रदर्शन किये जाने की घोषणाओं के परिप्रेक्ष्य में सरकार का यह स्पष्टीकरण आया है। सरकार ने रविवार को इस पहल पर अन्य दलों का सहयोग मांगा था लेकिन विपक्ष इस बात पर अड़ा है कि वह इस विधेयक को संसद में परित नहीं होने देगा।

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