जय राजस्थान एक कहानी

मेवाड़ में जब उदयपुर से कोई भी दैनिक समाचार पत्र नहीं निकला था तब वरिष्‍ठ पत्रकार व समाजसेवी स्व. चन्देश जी व्यास ने 6 फरवरी 1972 पर इसे मात्र दो पेज का ट्रेडल मशीन पर हैण्ड कम्पोजिंग के साथ निकालना प्रारम्भ किया । उदयपुर संभाग का पहला दैनिक होने के नाते इसे काफी लोकप्रियता मिली और प्रारम्भिक दौर में बीस हजार प्रतिया शीटफैड पर निकलकर बाजार में जाती थी । रात भर मशीन चलती तब जाकर इतनी प्रतियां 2 पेज में प्रकाशित होती थी । जय राजस्थान की बढ़ती प्रसार संख्या को देखते हुए जयपुर व आगरा से दो सिलण्डर मषीने खरीदी गयी एवं 1976 में ही इसे चार पेज का निकालना प्रारम्भ कर तीस हजार की प्रसार संख्या से इसमें उदयपुर संभाग व दक्षिणी राजस्थान में अपना परचम फैला दिया । उदयपुर के बड़े समाचार पत्रों के आने की खबर लगते ही जय राजस्थान के संस्थापक व्यास जी ने दिल्ली की ओरियंट वेब आफसेट कम्पनी को ऑफसेट मषीन का आर्डर दिया । उस समय प्रिन्टिंग का पुराना तरीका कम्पोजिंग था जिसमें षीषे के बने हुए अक्षरों को जोडकर समाचार बनाये जाते थे जो काफी मेहनत का काम था । आठ से दस कम्पोजिंग रैक पर 8-10 कम्पोजीटर्स की कमी के कारण पिताजी ने चार-पांच लड़कियों को प्रषिक्षण देकर कम्पोज करना सिखाया जो हर माह तीन सौ चार सौ रूपया कमा लेती थी । सिलण्डर मषीन पर कागज डालने वाला एक व्यक्ति एवं दो हेल्पर होते थे रात भर मषीन चलती तब जाकर सवेरे 5-6 बजे अखबार बाजार में जाता था ।

जमाना बदल गया था एवं 1982 से आफसेट मषीन एवं कम्प्यूटर्स युग प्रारम्भ हो गया । जय राजस्थान का अपना वर्चस्व बनाये रखने के लिये 1982 से ऑफसेट मषीन लगायी गयी जिसमें मेरे बड़े भाई निषान्त व्यास का काफी योगदान रहा । कलकत्ता से हमारे सबसे बड़े भाई डॉ. लोकेष व्यास उदयपुर षिफ्ट होने का मन बना एवं 1990 में हमने कम्प्यूटर्स लगाकर चारों पेज कम्प्यूटराइण्ड कर वेब ऑफसेट मषीन पर ब्लैक एण्ड व्हाइट चार पेज छापना प्रारम्भ किया चारो पेजों में राश्ट्रीय, राज्य स्तरीय व उदयपुर संभाग के फोटोज काफी आकर्शित करते थे । जय राजस्थान एक राज्य स्तरीय व उच्च स्तर के समाचार पत्र का रूप लगने लगा । जय राजस्थान एक ऐसा समाचार पत्र था जिसमें हर वर्श अपने स्थापना दिवस 6 फरवरी को विज्ञापन दाताओं, एजेंसीज, हाकर्स एवं प्रबुद्व पाठको व लेखकों को बुलाकर सम्मानित करता रहा है ।

1996 में हमारे संस्थापक-सम्पादक स्व. चन्द्रेष जी व्यास के देवलोकगमन से जय राजस्थान का सम्पूर्ण भार षैलेष व्यास पर आ गया । जय राजस्थान का सिल्वर जुबली वर्श होने के कारण जय राजस्थान ने सबसे पहले मल्टीकलर कैलेण्डर एवं मल्टीकलर मैगजीन निकालकर राजस्थान में पहली बार अपना नाम स्वर्णाक्षर में लिखाया । 1996 से 2000 तक काफी संघर्शो के पष्चात जय राजस्थान के संस्थापक सम्पादक स्व. जय चन्द्रेष जी व्यास द्वारा राजस्थान में पहली बार किसी दैनिक समाचार पत्र को उद्योग मानकर राजस्थान सरकार ने हिरण मगरी सेक्टर 11 में भूमि एलॉट की थी जहॉं 2001 को हमने जय राजस्थान कार्यालय का स्थायी स्थानान्तरण कर दिया गया । संघर्शो का दौर अभी खत्म नहीं हुआ बल्कि 2001 की इक्कीसवीं सदी से दैनिक समाचार पत्रों में मल्टीकलर प्रिन्टिंग , विषेशांक, कैलेण्डर, मल्टीकलर एवं मैगजीन का युग तीव्र गति से प्रारम्भ हो गया ।

जय राजस्थान ने 2001 से अपने स्थापना दिवस एवं नव वर्श कैलेण्डर एवं दीपावली विषेशांक, षिक्षा जगत विषेशांक, चिकित्सा व स्वास्थ्य विषेशांक एवं अन्य मल्टीकलर विषेशांक निकालकर अपने आपके पैर जमाये रखने व प्रतिश्ठा कायम रखने का प्रयास किया । आज जय राजस्थान हर वर्श मल्टीकलर कैलेण्डर व स्थापना दिवस पर एक अपने खास लोगों का समारोह आयोजित कर इसे जष्न के रूप में मनाता है जो अनवरण जारी है।

Jai Rajasthan is Totally family News Paper

1-Jai Rajasthan is the first & for most daily News Paper of Udaipur Division Published from 6th February 1972.

 

2- Our founder Editor & Publisher late Shri Chandresh Vyas & Durga Devi.

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Presently chief editor publisher Shailesh Vyas is looking  Jai Rajasthan .

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4- Our general manager Mrs. Veena Vyas is looking after complete management.

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5-Miss Jyoti Vyas is looking after overall management reporting & computers.

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6- Miss Tripti Vyas is circulation manger & looking after Udaipur division.

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7- Mrs. Kirti Thadani is our Jaipur representative all Rajasthan Business from Jaipur.

 

 स्व. चन्द्रेश जी व्यास के ऐतिहासिक चित्र

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जय राजस्थान के संस्थापक सम्पादक स्व. चन्द्रेश व्यास स्व. श्रीमती इन्दिरा गांधी (प्रधानमंत्री) एवं भूतपूर्व मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी का अभिवादन करते हुए।

प्रधान मंत्री स्व. राजीव गांधी के साथ चन्द्रेश व्यास

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जय राजस्थान में 1982 में लगी ऑफसेट मशीन के उद्घाटन पर छत पर चन्द्रेश व्यास परिवार निशान्त व्यास-षैलेष व्यास परिवार व मशीन मैनेजर 1990 में स्व. चन्द्रेश व्यास डॉ. लोकश व्यास के साथ ।

 

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