गाजे बाजे के साथ आचार्यश्री का हुआ मंगल प्रवेश

डूंगरपुर। मनुष्य यदि अपनी दुर्गति से बचना चाहता है तो उसे जीवन में अहिंसा-संयम व तप को आत्मसात करना होगा तभी वह विकारों से परे हो सकेगा। 

 यह बात आचार्य श्री विजय कुंद कुंद सूरीश्वर महाराज ने शनिवार को फौज का बडला स्थित जैन श्वेताम्बर वीशा पोरवाड संघ के उपाश्रय में थाणा से विहार कर मंगल प्रवेश के बाद धर्म प्रेमियों को व्याख्यान के दौरान कहे। उन्होने कहा कि हम मनुष्य योनी में आने के पश्चात परोपकार के कार्य करे। ताकि भूल से भी हिंसा का पालन न हो। साथ ही संयम व्रत को धारण करते हुए तप के माध्यम से मनुष्य गति का उद्वार करे। और इन पूनित कार्याे के लिए आगामी चार्तुमास के चार माह जीवन संवारने के है जिसके लिए हमें धर्म की आराधना करनी होगी। इससे पूर्व आचार्य श्री का कोतवाली के निकट आगवानी की गई। इसके पश्चात गाजे बाजे के साथ लालपुरा, पुरानी सब्जी मण्डी, कानेरा पोल, सर्राफा बाजार, माणक चौक, फौज का बडला होते हुए घाटी स्थित गंभीरा पाश्र्वनाथ मंदिर पहुंचे। जहां चैत्यवंदन किया। इसके पश्चात फौज का बडला स्थित उपाश्रय में  पहुचे। मंगल प्रवेश के दौरान जगह जगह पर आचार्य श्री का अक्षत की गऊली कर आगवानी की गई। इसके पश्चात उपाश्रय में मांगलिक सुनाया गया। इस दौरान आनंद जी कल्याणजी पेढी के वागड़ प्रतिनिधि संजय मेहता, वीशा पोरवाड संघ के अध्यक्ष शशिकान्त शाह, हुम्मड संघ के अध्यक्ष पूरणमल दावड़ा, हेमेन्द्र मेहता, नवयुवक मण्ड़ल के अध्यक्ष चिराग शाह, सुबोध सरैया, बाबूलाल सरैया, महेश दावड़ा, शैलेष मेहता, गजेन्द्र घाटिया, अभय मेहता,भरत मेहता, शरद सरैया, महावीर घाटिया, विरेन्द्र मेहता, महिला मण्डल सहित बडी संख्या में धर्म प्रेमी उपस्थित थे।  इस दौरान साध्वी श्री शुभति प्रभाश्री आदि ठाणा-3 का ओटा स्थित  नैमिनाथ मंदिर में चार्तुमास हेतु मंगल प्रवेश हुआ। वही दूसरी ओर रविवार को प्रात: आचार्य श्री माणक चौक स्थित आदिनाथ जैन मंदिर से गाजे बाजे के साथ शहर के प्रमुख मार्गाे से होते हुए न्यू कॉलोनी आजाद नगर जैन सोसायटी में संभवनाथ जैन उपाश्रय में चार्तुमास हेतु विराजित होंगे। 

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