अगले यूरो कप में होगा गोललाइन तकनीक का इस्तेमाल

euros रियो डी जेनेरियो। फीफा के अध्यक्ष सैप ब्लेटर ने कहा है कि यूरोपीय फुटबाल महासंघ (यूईएफए) के अध्यक्ष माइकल प्लेटिनी साल 2016 में होने वाले यूरो कप में गोललाइन तकनीक का इस्तेमाल करेंगे। फ्रांस के पूर्व मिडफील्डर और राष्ट्रीय कोच प्लेटिनी इस तकनीक के धुर विरोधी रहे हैं।

फीफा इस विश्वकप में पहली बार इस तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। ब्लेटर ने फीफा की वेबसाइट को दिए गए एक साक्षात्कार में कहा, प्लेटिनी ने अब अपना मन बदल दिया है। मैंने उनसे इस बारे में बात की थी और उन्होंने 2016 में फ्रांस में होने वाले यूरो कप में इस तकनीक के इस्तेमाल की बात कही है।

इस बारे में प्लेटिनी की प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है। ब्लेटर भी पहले इस तकनीक के पक्ष में नहीं थे लेकिन पिछले विश्वकप में जर्मनी के खिलाफ इंग्लैंड के फ्रेंक लम्पार्ड के गोल को अमान्य करार दिए जाने के बाद उन्होंने अपनी राय बदली थी। उन्होंने कहा, इससे रेफरी और दर्शकों को मदद मिलती है।

अब इस बात पर बहस बंद हो गई है कि गोल हुआ है या नहीं। फुटबाल में गोल करना ही तो सबका लक्ष्य होता है। मुझे उम्मीद है कि पेशेवर लीगें इस तकनीक को अपनाएंगी।

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