श्रीमद् भागवत की भव्य शोभायात्रा निकली

bhagwat

चित्तौडग़ढ़। श्री निलिया महादेव गौशाला समिति, चित्तौडग़ढ़ द्वारा आयोजित सामूहिक गौ नन्दी विवाह समारोह एवं श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ की शोभा यात्रा व कलश यात्रा पाडन पोल से प्रारंभ होकर मिठाई बाजार, गांधी चौक, सदर बाजार, गोल प्याऊ चैराहा, राणा सांगा मार्केट होते हुए गणगौर गार्डन पहुंची।  विशाल कलश यात्रा ने एक भक्ति जुलूस का रूप ले लिया एवं इस जुलूस में मीरा दर्शन, पारम्परिक

घेरदार लंहगा लुगड़ी वेशभुषा में डांडिया नृत्य करती बालिकाएं, ऊँट पर सवार शहनाई वादक व घुड़सवारों के बीच, दूर्गा त्रिशुल तलवार सहित देवी दर्शन और चांदी का विशाल कलश डी.जे. बैण्ड और बैण्ड पर नाचते गाते युवा, भक्ति गीतों पर श्री सांवरिया सेठ के जयकारे लगाते सभी श्रद्धालु कन्हैया को शेषनाग की छत्र छाया में ले जाते वासुदेव की झांकी भी आकर्षण का केन्द्र रहे। सैकड़ो महिलायें सिर पर कलश लिये हुए मंगल गीत गाते हुए भक्ति जुलूस में शामिल हुई। इस कलश यात्रा में आस-पास के अनेक गांवो से प्रभात फेरियों ने भी भाग लिया। हर प्रभात फेरी के आगे उस गांव का बेनर लगा हुआ था तथा जुलूस में एक बग्गी में कृष्ण गाय भी थी एवं इस कलश यात्रा का हर समाज ने स्वागत द्वार पर अपने बेनर लगाकर स्वागत किया एवं चारों ओर से इस भक्ति जुलूस पर पुष्प वर्षा की गयी  कलश यात्रा अपने गतंव्य स्थान गणगौर गार्डन पर पहुंची तो कथा पाण्डाल हजारों कृष्ण भक्तो से भर गया एवं तत्पश्चात् कथावाचक पं. विष्णुदत्त शर्मा ने श्रीमद् भागवत कथा पुराण का महापुजन किया फिर गणेश गुणगान तथा गौरक्षा अभियान की जानकारी दी। 

व्गाय मात्र पशु ही नहीं वरन् भगवत स्वरूपिणी है । कथा के दौरान यहां पाण्डाल में सैकड़ो 

स्त्री पुरूषों ने भाव विभोर 

होकर गीतिकाओं और भजनों पर नृत्य किया। 

 पं. विष्णुदत्त शर्मा ने एक मंत्र बताया कि-”बात कहुँ एक काम की, पहली रोटी गाय कीÓÓ। इसकी सजगता के साथ पालना हो।

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